Indicators on इन्हें खाने से होता है डिप्रेशन You Should Know



इसमें आप अपने मनोचिकित्सक के साथ बात करके नकारात्मक भावनाओं से निपटने के लिए कौशल सीख सकते हैं। आप परिवार या समूह चिकित्सा सत्र से भी लाभ उठा सकते हैं।

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आजकल की बदलती जीवनशैली तथा ग़लत खानपान कई बीमारियों को सीधा निमंत्रण दे रही है। आज लोग जंक फ़ूड, फ़ास्ट फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक्स इत्यादि का बेहद शौक़ से सेवन करने लगे हैं।इससे लोग न सिर्फ़ मोटापे का शिकार हो रहे हैं बल्कि वे गठिया या अर्थराइटिस जैसी पीड़ादायक बीमारी की चपेट में भी आ रहे हैं। जी हाँ, अर्थराइटिस या गठिया रोग आज लोगों में बहुत तेज़ी से फैल रहा है। ये रोग आज ना सिर्फ़ बूढ़े लोगों में ही देखने को मिलता है बल्कि इसकी चपेट में नौजवान लोग भी आ रहे हैं।अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों के शरीर में काफ़ी दर्द होता है। अर्थराइटिस घुटनों और कूल्हे की हड्डियों पर अधिक प्रभाव डालता है। इस रोग से पीड़ित लोग अपने हाथ पैर को हिलाते वक़्त काफ़ी तक़लीफ का सामना करते हैं। आज के अपने इस लेख में हम अर्थराइटिस से सम्बंधित महत्वपूर्ण बातों की चर्चा करेंगे। तो आइए अपने इस लेख की शुरुआत करते हैं।

उल्टी के लिए सामान्य उपचार में आमतौर पर आहार में बदलाव शामिल होता है यानी सामान्य आहार के स्थान पर एक नरम आहार पर स्विच करना। लेकिन कुछ वैकल्पिक तरीके मौजूद हैं जिन्हें इलाज के लिए प्राथमिकता दी जा सकती है। उन विधियों में मेडिसिनल थेरेपी, हर्बल थेरेपी और डेक्सामेथासोन के साथ विश्राम, मसाज थेरेपी और अदरक शामिल हैं।

अवसाद के कई अलग-अलग प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं - 

उपचार के बाद के कुछ दिशानिर्देश जो उल्टी की रोकथाम और बेहतर प्रबंधन के लिए पालन किए जाने को प्राथमिकता देते हैं, वे इस प्रकार हैं:

एरोबिक व्यायाम - एरोबिक व्यायाम हल्के अवसाद को ठीक कर सकता है क्योंकि यह न्यूरोट्रांसमीटर नोरेपिनेफ्रिन को उत्तेजित करता है, जो मूड से संबंधित है।

कई बार मैं शायद किसी एक ख़ास व्यक्ति के लिए पोस्ट कर रही थी, मुझे लगा वो देखेगा, उसे पसंद आएगा. लेकिन धीरे-धीरे मुझे इस आर्ट में मज़ा आने लगा, लोगों ने तारीफ़ की तो मेरे अंदर कॉन्फिडेंस आया.''

हालांकि, कई मामलों में डॉक्टर यह निर्धारित करने में असमर्थ रहते हैं कि अवसाद का कारण क्या है।

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गहरी साँस लेना: यदि किसी व्यक्ति को उल्टी का अनुभव हो रहा है तो उसे फेफड़ों और नाक के माध्यम से गहरी साँस लेने की कोशिश करनी चाहिए और साँस लेते समय आपके फेफड़ों में विस्तार होना चाहिए। यह उल्टी के समय मदद करता है। शोधों में यह देखा गया है कि गहरी सांसें चिंता को शांत करने में भी मदद करती हैं जो उल्टी का एक और कारण है।

स्मोकिंग करने वालों के साथ भी यही समस्या है। जो लोग सिगरेट पीते हैं उनमें से ज्यादातर को यही लगता है कि स्मोकिंग करने से उनका तनाव और टेंशन कम होता है, जिससे डिप्रेशन में भी कमी आती है। लेकिन हकीकत यही है कि धूम्रपान करने से ऐंग्जाइटी और टेंशन में बढ़ोतरी होती है। इतना ही नहीं जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं उनकी तुलना में धूम्रपान करने वाले लोगों में समय के साथ डिप्रेशन की समस्या विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

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